अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान पटना स्वास्थ्य सेवाओं, अनुसंधान और प्रशिक्षण में क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के लिए रणनीतिक रूप से कार्यरत है। इसकी स्थापना प्रधान मंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत 15 अगस्त 2003 को स्वतंत्रता दिवस भाषण में तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की दूरदर्शी घोषणा के बाद की गई थी।
रायपुर, भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर और ऋषिकेश के साथ एम्स पटना उन छह अस्पतालों में शामिल है जो स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने , सुपर-स्पेशियलिटी विषयों में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा एवं समाज के वंचित क्षेत्रों में स्वास्थ्य देखभाल समावेशन को बढाने के लिए प्रतिपल प्रयासरत है।
इस संस्थान की स्थापना 16 जुलाई 2012 में पारीत अध्यादेश के अनुसार किया गया। 2 जुलाई 2013 के अधिनियम (संशोधन) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (संशोधन) विधेयक 2012 ने इसे एक नया आकार दिया, और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (संशोधन) विधेयक 2012 ने इसे एक स्वायत्त निकाय के रूप में उभरने में समर्थन दिया ।
एमबीबीएस और बीएससी नर्सिंग में छात्रों के प्रथम बैच का नामांकन 2012 में हुआ, तथा आउट पेशेंट एवं इनपेशेंट सेवाओं की शुरुवात 2013 के मध्य में हुईं।शैक्षणिक सेवाओं के तहत 125 एमबीबीएस, 75 बीएससी नर्सिंग, 12 एमएससी नर्सिंग और एमएस-एमडी-डीएम-एमसीएच छात्रों के वर्तमान वार्षिक नामांकन के साथ, एम्स पटना 2012 से एक राष्ट्रीय स्तर के संस्थान के रूप में स्थापित है।
42 विशिष्ट विभाग, मरीजों के लिए बिस्तर की व्यवस्था तथा आपातकालीन और आघात सेवाओं के साथ सभी प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी बिमारीयोंं से निपटने के लिए इस संस्थान में 960 बिस्तर उपलब्ध हैं, हम न केवल हर दिन हजारों बाह्य रोगियों को देखते हैं, बल्कि उन तक बेहतर चिकित्सा सेवाओं और स्वास्थ्य देखभाल सुविधा प्रदान करते हैं। हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि बेहतर स्वास्थय एवं सुविधाओं के बल पर आज एम्स पटना भरोसेमंद केंद्र के रूप में अपनी एक विशिष्ट पहचान बना रहा है।
कागज के उपयोग को कम करने के प्रयास में, एम्स पटना देश के उन कुछ संस्थानों में से एक है जो ई-गवर्नेंस प्रणाली के माध्यम से आधिकारिक कार्यों की जानकारी प्रदान करता है और उन्हें ट्रैक भी करता है।
पारंपरिक एलोपैथिक उपचार के अलावा, एम्स पटना का आयुष के साथ एक अनूठा और सहयोगात्मक संबंध है। हम व्यापक अनुसंधान और विकास के माध्यम से वर्तमान जरूरतों के अनुरूप उपचार और उपचार के सभी संभावित रूपों को सुविधाजनक बनाते हैं और उन्हें बढ़ावा देते हैं।
एम्स पटना छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को बेहतर और खुशनुमा माहौल प्रदान करता है।