एम्स पटना का प्रतीक चिन्ह चिकित्सा पेशे के मूल उद्देश्य के साथ-साथ इसकी स्थापना के लोकाचार को प्रस्तुत करता है। यह संस्था के लक्ष्य और दूरदर्शिता को भी प्रदर्शित करता है।
प्रतीक चिन्ह के बाहर स्थापित 12 अंगूठीनुमा संरचना समाज के सभी वर्गों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की निरंतर और गतिशील उपलब्धता का प्रतीक है। प्रतीक चिन्ह का हल्का रंग बिहार की मिट्टी से मेल खाता है जो राज्य के लोगों के साथ गहरे जुड़ाव को दर्शाता है।
12 बाहरी अंगूठीनुमा संरचना बिहार और पूरे क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए एम्स पटना की विशेषताओं और आकांक्षाओं को प्रस्तुत करते हैं। ये 12 आकांक्षाएं एम्स पटना की स्थापना का लोकाचार और कारण हैं।
कैड्यूसियस के चारों ओर उलझे हुए दो सांप ग्रीक के पौराणिक कथा "स्टाक ऑफ हर्मीस (मर्करी)" को प्रदर्शीत करते हैं। कैड्यूसियस के चारों तरफ दोनों सांपों का एक दूसरे से जुडाव अंतःस्रावी ग्रंथियों को इंगित करता है जिसके शीर्ष पर एक गोल घुंडी होती है और उसके दोनों ओर पंख होते हैं।
संस्थान के प्रतीक चिन्ह में प्रयुक्त सांप पीनियल ग्रंथि और पिट्यूटरी ग्रंथि को दर्शाते हैं क्योंकि दोनों एक जैसे दिखते हैं। प्रतीक चिन्ह का डंठल स्पाइनल कॉलम को इंगित करता है, और घुंडी मज्जा को दर्शाता है। प्रतीक चिन्ह के शीर्ष पर स्थित पंख मस्तिष्क के दोनों हिस्सों को दर्शाते हैं। यह मस्तिष्क के झुर्रीदार क्रॉस-सेक्शन जैसा दिखता है।
प्रतीक चिन्ह में प्रयोग दोनों सांप जीवन और मृत्यु का प्रतीक हैं, जबकि पंख और छड़ें चिकित्सा कर्मचारियों और सेवाओं का प्रतीक हैं।
प्रतीक चिन्ह में प्रयोग गोल्डन जैतून की पत्तियां खेल और सक्रिय जीवनशैली से जुड़ी हुई हैं। यह उत्साह, खुशी और जीत का प्रतिनिधित्व करती हैं।
संस्कृत का यह आदर्श वाक्य एम्स पटना के सिद्धांत, लक्ष्य और दृष्टिकोण को प्रदर्शीत करता है। गरुड़ पुराण (35.51) का अंतिम श्लोक 'सभी के कल्याण' के विचार को दर्शाता है जो संस्था की स्थापना का अंतरिम विचार है।